एक ही विषय पर 5 महान शायरों का नजरिया....
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1- ग़ालिब :
"शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर,
या वो जगह बता जहाँ ख़ुदा नहीं।"
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2- इक़बाल
"मस्जिद ख़ुदा का घर है, पीने की जगह नहीं ,
काफिर के दिल में जा, वहाँ ख़ुदा नहीं।"
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3- फ़रज़
"काफिर के दिल से आया हूँ मैं ये देख कर, खुदा मौजूद है वहाँ, पर उसे पता नहीं।"
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4- वासी
"खुदा तो मौजूद दुनिया में हर जगह है,
तू जन्नत में जा वहाँ पीना मना नहीं।"
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5- साक़ी
"पीता हूँ ग़म-ए-दुनिया भुलाने के लिए,
जन्नत में कौन सा ग़म है इसलिए वहाँ पीने में मजा नही।"
6 एडमिन.......
ला भाई दारू पिला, बकवास न बांचो ..
जहाँ मर्ज़ी वही पिएंगे, भाड़ में जाएँ पांचों"😀😜