अभिव्यक्ति

एक दिन एक गरीब को दस रुपये मिले, वो सारा दिन सोचने लगा की इस से क्या ख़रीदा जाए…??

सारा दिन सोचने में गुज़र गया, उस ने शाम को वो दस रुपये फैंक दिये और कहने लगा-

ऐ मालिक…

दस रुपये की खातिर मैंने तुझको सारा दिन भुला दिया, लेकिन जिन के पास लाखों करोडों रुपये जमा हैं वो कैसे तुझ को याद करते होंगे…??
-अज्ञात